क्रिकेट इतिहास के सबसे बड़े विवाद

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क्रिकेट को अक्सर "जेंटलमैन का खेल" कहा जाता है, लेकिन इस खेल में कई ऐसे विवाद हुए हैं जिन्होंने इसकी छवि को धूमिल किया। कभी गलत अंपायरिंग फैसले ने हंगामा मचाया तो कभी खिलाड़ियों के अनैतिक व्यवहार ने सुर्खियाँ बटोरीं। आइए जानते हैं क्रिकेट इतिहास के कुछ सबसे चर्चित विवादों के बारे में।

1. बॉडीलाइन रणनीति (1932-33)

इंग्लैंड के कप्तान डगलस जार्डिन ने ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को दबाव में लाने के लिए बॉडीलाइन गेंदबाजी की रणनीति अपनाई। इस आक्रामक और खतरनाक गेंदबाजी शैली में बॉल को सीधे बल्लेबाज के शरीर पर निशाना बनाया जाता था। खासतौर पर, इस रणनीति का मुख्य लक्ष्य डॉन ब्रैडमैन को रोकना था। इस विवाद ने क्रिकेट की खेल भावना पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए, जिसके चलते आईसीसी को नियमों में बदलाव करना पड़ा।

2. अंडरआर्म बॉलिंग विवाद (1981)

ऑस्ट्रेलिया बनाम न्यूजीलैंड एकदिवसीय मैच के दौरान, जब न्यूजीलैंड को आखिरी गेंद पर छक्का चाहिए था, ऑस्ट्रेलियाई कप्तान ग्रेग चैपल ने अपने भाई ट्रेवर चैपल को अंडरआर्म गेंद फेंकने का निर्देश दिया। इससे बल्लेबाज के पास छक्का मारने का कोई मौका नहीं बचा। यह क्रिकेट की आत्मा के खिलाफ था, और इसके बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अंडरआर्म गेंदबाजी को प्रतिबंधित कर दिया गया।

3. बॉल टैंपरिंग स्कैंडल

क्रिकेट में बॉल टैंपरिंग यानी गेंद के हालात में छेड़छाड़ करने के कई मामले सामने आए हैं। दो सबसे बड़े विवाद इस प्रकार हैं:

  • 1994: माइक एथरटन का 'डर्ट इन द पॉकेट' स्कैंडल – इंग्लैंड के कप्तान माइक एथरटन को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट मैच में गेंद की स्थिति को बदलने के लिए अपनी जेब में रखी मिट्टी का उपयोग करते हुए पकड़ा गया। उन्हें भारी आलोचना झेलनी पड़ी।

  • 2018: सैंडपेपर गेट स्कैंडल – ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटरों स्टीव स्मिथ, डेविड वॉर्नर और कैमरून बैनक्रॉफ्ट को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट मैच में गेंद से छेड़छाड़ करते हुए पकड़ा गया। इसके परिणामस्वरूप, स्मिथ और वॉर्नर पर एक साल का प्रतिबंध लगाया गया और बैनक्रॉफ्ट को नौ महीने के लिए निलंबित कर दिया गया।

4. मैच फिक्सिंग कांड

मैच फिक्सिंग क्रिकेट इतिहास के सबसे शर्मनाक अध्यायों में से एक है। इसमें सबसे बड़े मामले इस प्रकार हैं:

  • 2000: हैंसी क्रोनिए स्कैंडल – दक्षिण अफ्रीकी कप्तान हैंसी क्रोनिए को मैच फिक्सिंग में दोषी पाया गया। उन्होंने स्वीकार किया कि उन्होंने बुकमेकर्स से रिश्वत ली थी। उन्हें क्रिकेट से आजीवन प्रतिबंधित कर दिया गया।

  • 2010: पाकिस्तान स्पॉट-फिक्सिंग स्कैंडल – पाकिस्तानी क्रिकेटरों सलमान बट, मोहम्मद आमिर और मोहम्मद आसिफ को इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट मैच में जानबूझकर नो-बॉल फेंकने के आरोप में दोषी पाया गया। उन्हें न केवल क्रिकेट से निलंबित किया गया बल्कि जेल की सजा भी हुई।

5. मंकीगेट विवाद (2008)

2008 में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले गए सिडनी टेस्ट मैच के दौरान भारतीय स्पिनर हरभजन सिंह और ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर एंड्रयू साइमंड्स के बीच बहस हो गई। साइमंड्स ने हरभजन पर नस्लीय टिप्पणी करने का आरोप लगाया, जिसे उन्होंने नकार दिया। इस विवाद ने भारत और ऑस्ट्रेलिया के क्रिकेट संबंधों में दरार डाल दी और काफी विवाद हुआ।

6. 2011 विश्व कप डीआरएस विवाद

2011 क्रिकेट विश्व कप में भारत और इंग्लैंड के बीच खेले गए मैच में, भारतीय गेंदबाज युवराज सिंह ने इयान बेल को एलबीडब्ल्यू आउट किया था। हालाँकि, डीआरएस तकनीकी गलती के कारण निर्णय को पलट दिया गया। इससे डीआरएस की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल खड़े हुए और आईसीसी को इसमें सुधार करने पड़े।

7. बेन स्टोक्स ओवरथ्रो विवाद (2019 विश्व कप फाइनल)

2019 विश्व कप के फाइनल में इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच हुए मुकाबले में अंतिम ओवर में एक थ्रो गलती से बेन स्टोक्स के बल्ले से टकराकर बाउंड्री के बाहर चला गया, जिससे इंग्लैंड को छह रन मिले। नियमों के मुताबिक, इंग्लैंड को सिर्फ पांच रन मिलने चाहिए थे, लेकिन अंपायरों की गलती से मैच सुपर ओवर में चला गया। इंग्लैंड ने मैच जीत लिया, लेकिन इस विवाद ने क्रिकेट जगत में हलचल मचा दी।

8. आईपीएल स्पॉट-फिक्सिंग स्कैंडल (2013)

आईपीएल में स्पॉट-फिक्सिंग की घटनाएं भी सामने आई हैं। 2013 में, श्रीसंत, अंकित चव्हाण और अजीत चंदिला को स्पॉट-फिक्सिंग के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इसमें राजस्थान रॉयल्स के मालिक राज कुंद्रा और चेन्नई सुपर किंग्स के टीम प्रिंसिपल गुरुनाथ मयप्पन का नाम भी आया, जिसके चलते दोनों फ्रेंचाइज़ियों को दो साल के लिए निलंबित कर दिया गया।

स्टार एक्सचेंज

क्रिकेट में सट्टेबाजी और भविष्यवाणी को लेकर भी चर्चाएँ होती रही हैं। स्टार एक्सचेंज जैसे प्लेटफॉर्म प्रशंसकों को लाइव क्रिकेट मैच प्रेडिक्शन के जरिए बेहतर विश्लेषण प्रदान करते हैं। हालांकि, कुछ क्रिकेट बोर्ड इसे लेकर सतर्क हैं, क्योंकि उनका मानना है कि इससे खेल में अनैतिक गतिविधियाँ बढ़ सकती हैं।

निष्कर्ष

क्रिकेट में विवाद हमेशा से होते आए हैं और आगे भी होंगे। लेकिन इन विवादों ने खेल को और बेहतर बनाने के लिए कई बदलाव लाने में मदद की है। खेल भावना को बनाए रखना और अनुशासन का पालन करना हर क्रिकेटर की जिम्मेदारी है। जैसे-जैसे क्रिकेट विकसित हो रहा है, वैसे-वैसे नई चुनौतियाँ और विवाद भी सामने आते रहेंगे, लेकिन इसकी लोकप्रियता कभी कम नहीं होगी।

 

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